हुई घर घर में जय जयकार रे
हुई, घर घर में, जय जयकार रे,
आया, गण पति का, त्योहार रे ॥
ऊँचा, आसन लगाओ,
उस पे, देवा बिठाओ ॥
तेरी, सेवा में, सारा संसार रे,
आया, गण पति का, त्योहार रे ॥
हुई, घर घर में, जय जयकार रे...
पहलें, चरण धुलाओ, दीया ज्योत जगाओ ॥
केसर, रौली का, तिलक लगाओ रे,
आया, गण पति का, त्योहार रे ॥
हुई, घर घर में, जय जयकार रे...
फ़ूल, माला चढ़ाओ,
लड्डू, भोग लगाओ ॥
रिद्धि, सिद्धि के, तुम करतार रे,
आया, गण पति का, त्योहार रे ॥
हुई, घर घर में, जय जयकार रे...
एक, दंत कहें, दयावन्त कहें ॥
आया, मूषक पे, हो के स्वर रे,
आया, गण पति का, त्योहार रे ॥
हुई, घर घर में, जय जयकार रे...
मन्नत, पूर्ण करो, सबकी, झोली भरो ॥
सारे, जग के, तुम भर्तार रे,
आया, गण पति का, त्योहार रे ॥
हुई, घर घर में, जय जयकार रे...
नाची, मन में उमंग,
भरा, खुशियों ने रंग ॥
गूंजी, गण पत, तेरी जयकार रे,
आया, गण पति का, त्योहार रे ॥
हुई, घर घर में, जय जयकार रे...
शंख, अंकुश लिए आए,
कमल, पाश लिए आए ॥
आए, मूषक पे, हो के सवार रे,
आया, गण पति का, त्योहार रे ॥
हुई, घर घर में, जय जयकार रे...
शिव, फूले ना समाए,
गौरां, वारी वारी जाए ॥
आए, जग के, पालनहार रे,
आया, गण पति का, त्योहार रे ॥
हुई, घर घर में, जय जयकार रे...
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल