चाँदी की दिवार को तोडा, मीरा ने घर छोड़ दिया,
इक धनवान की बेटी ने गिरधर से नाता जोड़ लिया,
नाचे गए मीरा बाई लेकर घर में इकतारा,
पग में घुंघरू गल में माला भेष जोगियन का धारा,
राणा कुल की आन-बान को, मीरा जी ने तोड़ दिया,
इक धनवान की बेटी ने ..........................
सास कहे कुलनाशी मीरा, लगे गले में फासी रे,
कैसे जीना होगा मेरा, जग करता यु हाँसी रे,
मन पिया की बनी जोगनिया, तन पिया को छोड़ दिया,
इक राजा की रानी ने ..........................
सापं पिटारा भेजा रनों, हार मौत के शुलों का ,
हंस कर मीरा ने पहना, हार बन गया फूलों का ,
प्रेम दीवानी मीरा देखो, मोह से बंधन तोड़ दिया,
इक धनवान की बेटी ने ..........................
पी गई मीराबाई देखो, राणा के विष का प्याला,
कौन बिगड़ सके उसका, जिसका गिरधर रखवाला,
गिरधर के रंग में दासी ने, जग से नाता तोड़ लिया,
इक धनवान की बेटी ने ..........................
श्याम शरण में जो कोई जाते, श्याम के ही बन जाते है,
भक्त दयालु भजन भाव में, मीरा के गुण गाते है,
भाव सागर से तर गई मीरा, भाव से बंधन तोड़ दिया,
इक धनवान की बेटी ने ..........................