झंडे वाली माँ तेरा जगराता मैं करवाऊ गी,
करदे मुरदे पूरी खाली दर से मैं न जाऊ गी,
मेरी भी सुनी भागीया में फूल खिलादे खुशियों का,
जोत जगह के दर पे तेरा सुंदर भवन सजाऊ गी,
झंडे वाली माँ तेरा ..........
सारी रात मैं जागु गी तेरे बोल के जय जय कारे माँ,
ध्वजा नारियल पान सुपारी चुनरी लाल चड़ाहु गी,
झंडे वाली माँ तेरा ..............
प्रेम दीवानी बन कर तेरी नाचू गी मैं द्वारे पे,
हलवा पूरी और चने का तुझको भोग लगाऊ गी,
झंडे वाली माँ तेरा ...........
इस मजबूर की भर दे झोली भरे हुए भंडार तेरे,
बिन तेरे मैं किसी के आगे झोली ना फेह्लाऊ गी,
झंडे वाली माँ तेरा ..........