बैगा चलो रे, बाबा को बुलाओ,
खाटू से आयो रे,।
बैगा चलो रे।
बैगा चलो, बैगा चलो
पैदल चलो रे, बैगा चलो रे।
- फागुन के मेला के माही।
श्याम धणी बुलावे रे।
श्याम धणी भागता ने,
झालो देर बुलावे रे।।
बैगा चलो...
- रींगस से जो ,पैदल जावेऊके।
बाबो सागे चाले रे।
आगे आगे श्याम धणी चाले
भग्त ये पाछे रे।।
बैगा चलो...
- जो भी जावे ,श्याम धणी के।
वो खाली नही आवे रे।
श्याम धणी बाबो ,सबका मन की
पूरी कर देवेरे।।
बैगा चलो...
4.श्याम धणी बाबो,खाटू में,
दरबार लगा के बेठियो रे
भागता री किस्मत रो तालो।
बडा प्यार से खोले रे।
बैगा चलो...
- राजा खाटू नगरी को बाबो,
जगत सेठ कहलावे रे।
जांगिड़ यो सबकी खाली,
झोली भर देवे रे।
बैगा चलो रे...
सिंगर ,लेखक
अशोक जांगिड़
मोबाइल.9828123517
सवाई माधोपुर राजस्थान