बड़े प्रेम से मेरा चलता गुजर तुम्हारी दया से तुम्हारी किरपा से,
हर मुशकिलों से मुझे मिला है सहारा तुम्हारी किरपा से तुम्हारी दया से,
तुम जो ना होते ठाकुर हमारे रह जाते हम तो हारे के हारे,
मेरी कश्तियो को मिला है किनारा,
तुम्हारी किरपा से तुम्हारी दया से..........
मेरी ज़िन्दगी मे खुशिया है तुम से बनी पहचान मेरी तुम्हारे ही दम से,
जबसे बना हु बाबा दास तुम्हारा,
तुम्हारी किरपा से तुम्हारी दया से........
मेरे संग में जो खड़ा तू ना होता तेरा श्याम जाने काहा पड़ा होता,
बड़े ही नसीबो से मिला तेरा द्वारा,
तुम्हारी किरपा से तुम्हारी दया से,