जब दिन ग्यारस का आता है, साँवरिया माल लुटाता है
साँवरिया माल लुटाता है, सबकी झोली भर जाता है
ये सबको गले लगाता है, जब दिन ग्यारस का आता है
- ये सेठ बड़ा दिलवाला है, माँ अहलवती का लाला है
ये सबकी आश पुराता है, जब दिन ग्यारस का आता है
- ग्यारस की तिथि निराली है, लौटा ना कोई खाली है
पल में संकट टल जाता है, जब दिन ग्यारस का आता है
- ये सोया भाग जगाता है, सबकी किस्मत चमकाता है
ये सबकी बिगड़ी बनाता है, जब दिन ग्यारस का आता है
- ये है दास रविन्दर का प्यारा, भक्तो की आँखों का तारा
ये भव से पार लगाता है, जब दिन ग्यारस का आता है