आओ श्याम शरण पकड़ो इनके चरण,
तेरा जीवन यही पे सवर जाएगा,
बात मन की है,बात दिल से करो,
देख आंसू तुम्हारे ठहर जाये गा,
तेरी गलती को हर एक को भुला देगा जे,
गोद में अपनी तुझको उठा लेगा ये,
आज लो ये वचन हर घडी हर जनम साथ मेरा ना तेरा विषध पाए गा,
आओ श्याम शरण....
आख जब भी खुले सामने तू दिखे,
कलम जब भी चले श्याम श्याम लिखे,
तीनो लोक में तुम सनाधानी पड़ा,
हर मुसीबत में ये तेरे आगे खड़ा,
आओ श्याम शरण
दीन दुखिया का खाटू में मेला लगा,
सब मिला दवार पे सब अन्बेला लगा,
खिले मन के सुमन मिला चैन और अमन,
श्याम से प्रेम से दिल ये भर जाये गा,
आओ श्याम शरण