पधारो राधा संग सरकार,
खुले है मन मंदिर के द्वार ॥
पधारो राधा संग सरकार॥
यमुना के तट पे मैं दोड़ी आऊ,
तेरा दर्शन नित प्रति पाऊ,
कर दर्शन मैं तेरा प्यारे पुन पुन होत निहाल,
खुले है मन मंदिर के द्वार......
कब से बाँट में जोए रहू है,
तुम संग नेह लगाये रही हु,
आजा मोहन रसिया आजा,
मत करवा इंतज़ार,
खुले है मन मंदिर के द्वार.....
युगल शवि की अखियाँ प्यासी,
दर्शन दे जा ओ ब्रिज वासी,
ओ ब्रिज वासी तू सुन ब्रिज बसी,
तुम बिन सुना सुना लागे,
ये सारा संसार,
खुले है मन मंदिर के द्वार....