आना पड़ेगा जान ले दरबार श्याम के

तर्ज :- कैसे भुला दूँ साँवरे उपकार आपके

आना पड़ेगा जान ले दरबार श्याम के
कोई नहीं यहाँ तेरा कोई ना काम के

चाहे तू कितना भाग ले फीर ले इधर उधर
माया की चाह में भले भटके तू दर बदर
कुछ भी नहीं यहाँ तेरा सिवाये श्याम के
आना पड़ेगा जान ले दरबार श्याम के

कुछ भी न साथ जायेगा ये जान ले जरा
थोड़ा समय निकालकर प्रभु नाम ले जरा
अंतिम ठिकाना है तेरा चरणों में श्याम के
आना पड़ेगा जान ले दरबार श्याम के

अपने हृदय में श्याम को जिसने बिठा लिया
उसको सारे जहान ने सर पर उठा लिया
चहुँ ओर डंका बज रहा कृष्णा के नाम से
आना पड़ेगा जान ले दरबार श्याम के

✍️विकास अग्रवाल कृष्णा
रायगढ़ , छत्तीसगढ़

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