साँची ज्योतो वाली माता,
तेरी जय जय कार।
तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये,
मैं आया मैं आया शेरा वालिये।
ज्योता वालिये, पहाड़ा वालिये, मेहरा वालिये॥
सारा जग है इक बंजारा,
सब की मंजिल तेरा द्वारा।
ऊँचे परबत लम्बा रास्ता,
पर मैं रह ना पाया, शेरा वालिये॥
सूने मन में जल गयी बाती,
तेरे पथ में मिल गए साथी।
मुंह खोलूं क्या तुझ से मांगू,
बिन मांगे सब पाया, शेरा वालिये॥
कौन है राजा, कौन भिखारी,
एक बराबर तेरे सारे पुजारी।
तुने सब को दर्शन देके,
अपने गले लगाया, शेरा वालिये॥