आये कभी मुसीवत तो ये नाम लिए जा,
श्याम संवारा दया कर श्याम संवारा
मन में वसा प्रभु को हर इक काम किये जा
श्याम संवारा दया कर श्याम संवारा
कोई फिकर ना भये जो श्याम का भक्त हो,
घर हो खुशहाल सभी श्रदालु मस्त हो
हारे को देता सदा तू सहारे
श्याम नाम रस हरी की रोज पिए जा
श्याम संवारा दया कर श्याम संवारा
शान और शोखत नाही धन की चाहत हो
छोटी सी कुटियाँ मेरी भगती की शत हो
दूजो हो संग मिल जाए सब रंग
सदमा के पेयों बाबा साथ लिए जा
श्याम संवारा दया कर श्याम संवारा