दो नैन तेरे बड़े रसीले मनमोहन घनश्याम,
नैनो पे मैं वारी जाऊ हे मेरे घनश्याम,
जय जय बांके बिहारी लाल,
लट तेरी गुंगरली कान्हा उसपे नैन कटीले,
मोर मुकत अधरों पे बंसी लगते छैन छबीले,
नजर कही लग जाए न तुमको हम भक्तो की शान,
नैनो पे मैं वारी जाऊ हे मेरे घनश्याम,
जय जय बांके बिहारी लाल......
नैनो में तेरे लगा का काजल और कनान में कुण्डल,
शवि तेरी सबसे है न्यारी कर देती है घायल ,
श्याम तेरी सबको मैं निहारु बेथ शुभो शाम,
नैनो पे मैं वारी जाऊ हे मेरे घनश्याम,
जय जय बांके बिहारी लाल.......
श्यामा शाम चव है तेरी पीताम्बर में साजे,
पावो में सोने की पायल चम् चमा चम बाजे,
श्याम श्यामा बस श्याम को देखु,
नैनो पे मैं वारी जाऊ हे मेरे घनश्याम,
जय जय बांके बिहारी लाल,