कभी श्यामबाबा से मांग के देखो
कंगाल को मालामाल श्याम करदे
चिंता फिकर संकट पल में मिटा के
खुशियाँ तमाम तेरे नाम श्याम करदे
जगत के ये झूठे है रिश्ते नाते,
बुरे दिन में कोई न साथ निभाते,
सदा अपनी बच्चो के हाथो को थामे,
पूरी सता बिगड़े काम श्याम करदे
कभी श्यामबाबा से मांग के देखो
जगत के हर इक कण में वास करे वो
ढूंडो जो मन से तो पास मिले वो
दम से उन्ही के ये सांसे है चलती
चाहे तो सुबह को शाम करदे
कभी श्यामबाबा से मांग के देखो