खुल गया खुल गया खुल गया,
मंदिर खाटू धाम का
बाबा के दर जाएंगे,
कुछ दिल की बतलायेंगे -2
ये सोच के झूमे नांचे,
हर दीवाना श्याम का
खुल गया, खुल गया, खुल गया,
मंदिर खाटू धाम का।
जबसे रूठा है श्याम मेरा,
बनता ही नहीं कोई काम मेरा,
मंदिर के पट बंद कर डाले,
कैसे पहुंचे पैग़ाम मेरा,
क्या क्या दिल में नहीं आया,
कैसे ये वक़्त बिताया,
श्याम के दर्शन बिन,
ये जीवन है किस काम का,
खुल गया, खुल गया, खुल गया,
मंदिर खाटू धाम का।
जीव भरम में डौल रहा,
खुद को खुद से था तोल रहा,
रची प्रभु ने ये लीला,
अब हाथ जोड़ कर बोल रहा,
ना और प्रभु तरसाओ,
प्रेमी को गले लगाओ
दर्शन का हक़ दे दो,
मुझको मेरे नाम का,
खुल गया, खुल गया, खुल गया,
मंदिर खाटू धाम का।
मैंने तो सोच लिया है,
अब ना छोडूंगा ये द्वार कभी,
ऐसी ना कोई गलती हो,
जिससे रूठे सरकार कभी,
अब और कहीं ना जाना,
चरणों में मिले ठिकाना,
मीतू है दीवाना खाटू वाले श्याम का
खुल गया, खुल गया, खुल गया,
मंदिर खाटू धाम का।
बाबा के दर जाएंगे,
कुछ दिल की बतलायेंगे -2
ये सोच के झूमे नांचे,
हर दीवाना श्याम का
खुल गया, खुल गया, खुल गया,
मंदिर खाटू धाम का।