मैं बाला जी मैं आई सारे संकट कटवाने,
हाथो को जोड़ के बोली मैं अबला नारी भोली,
बाला भर मेरी झोली सुन गोरी रख सबर ज़रा थोड़ी,
सुन ध्यान से अब मेरी बाला सालासर के सबकी मन की बाते जाने,
मैं बाला जी मैं आई सारे संकट कटवाने,
आँखों में जब बाला सूरत फिर कोई मूरत क्या है,
पाले आशीष जो बाला का और जरूरत क्या है,
मेरा सारा जीवन बाला तुझको है अर्पण ,
तेरे गुणगान को करता धरती का हर नर,
सिंधुरी सूरत जो देखि नैन हुए दीवाने,
मैं बाला जी मैं आई सारे संकट कटवाने,
जीवन की ये कठिन डगर है थाम लो मेरी बहियाँ,
बाहरी संकट मुझको सताए जाने क्या हो गइयाँ,
बाला दर पे आके ना हो तू इतनी निर्बल तुझको दुःख पहुंचाए इतना किसी में न बल,
भूल के गम तू आज लगले बाला के जय कारे,
मैं बाला जी मैं आई सारे संकट कटवाने,
हाथो को जोड़ के बोली मैं अबला नारी भोली,
बाला भर मेरी झोली सुन गोरी रख सबर ज़रा थोड़ी,
अरे सुन गोरी रख सबर थोड़ी सुन ध्यान से अब मेरी बाला सालासर सबकी मन की बाते जाने,
चल सब मिलके लगाए बाला जी के जैकारे