रहते हो आप हैं बजरंग राम जी के पाँव में
हमको भी चरणों से लगाए रखना
सागर को फांदे पल में लंका जलाये
माता सीता का पता जाकर लगाए
तेरे सिवा कोई वीर नहीं
रहते हो मात सिया की ममता की छाँव में
हमको भी चरणों से लगाए रखना
लक्ष्मण के प्राणो पे जो विपदा थी आई
पर्वत उठा के लाये बूटी पिलाई
जाग उठे देखो वीर बली
जान लगा दी तुमने भक्ति के दांव में
भक्ति में हमको भी लगाए रखना
हनुमान .... हनुमान
सीने में जिनके सियाराम जी बसते हैं
मंगला मूर्ती सदा मंगल ही करते हैं
करता रहे ये विजय तेरा ध्यान
रखना सेवा को बजरंग तेरी ही पनाह में
भक्ति की ज्योत जलगाये रखना
हनुमान .... हनुमान