ला ले दातिए मेरा भोग गरीब दा,
भोग गरीब दा माँ भोग गरीब दा,
ला ले दातिए मेरा भोग गरीब दा,
उतर दक्षिण पूरब पक्षिम,
चारो दिशाओं से आयो दातिए,
मेरा भोग गरीब दा......
ऐसा भोग लगाओ मेरी मैया,
ये अमृत हो जाये दातिए,
मेरा भोग गरीब दा......
आप भी आओ संग शेर को भी लाओ,
जो बचता भगतो को खिलाओ ,
आके भोग लगाओ दातिए,
मेरा भोग गरीब दा......
आगे शेरावाली माँ तेरी है मर्जी,
आके दर्श दिखाओ दातिए,
मेरा भोग गरीब दा......