बेटी की शादी में माँ अम्बे को भुलाना है,
हाथ जोड़ दर पे खड़ा माँ अम्बे तुम आना है,
बेटी की शादी में माँ अम्बे को भुलाना है,
तेरी दया से माँ ये खुशियों का दिन आया,
निर्धन के घर तूने धन धान बरसाया,
तेरा शुक्र मैया तेरा गुण गान गाना है,
बेटी की शादी में माँ अम्बे को भुलाना है,
तेरी बदोलत माँ ये मेहँदी की रात आई,
दिया वरदान तूने तब ये बारात आई,
माँ मेरी बेटी का तूने साथ निभाना है,
बेटी की शादी में माँ अम्बे को भुलाना है,
फूलो और चुनरी से मैंने मंडप सजाया है,
उस के सन्मुख माँ तेरा भवन बनाया है,
तुहरे नाम का माँ मैंने जागरण कराना है,
बेटी की शादी में माँ अम्बे को भुलाना है,
तेरे ही भरोसे माँ परिवार सारा है,
मैया अपने बचो का तू ही तो सहारा है,
माँ बेटे का तुमसे हर रिश्ता निभाना है,
बेटी की शादी में माँ अम्बे को भुलाना है,