अम्बे रानी भवानी, तू जग कल्यानी ।
तेरी महिमा है कितनी निराली,
तुझको कहते हैं शेरावाली ।।
दुःखियों के दुःख को,
मइया मेरी हरती ।
रोगियों के रोग को,
पल में ही हरती ।।
दुःखियों के दुःखों को मैया हरेगी,
वो है दुःख को हरने वाली ।।
तुझको कहते....
भक्तजनों पे मइया,
कृपा दृष्टि रखती ।
भक्तों के कष्ट को,
दूर सदा करती ।।
अम्बे तू मइया है जग की खेवैया,
तुझको ही कहें चण्डी-काली ।।
तुझको कहते.....
कान्त तू मइया जी का,
गुणगान करले ।।
अम्बे माँ का नाम तू,
लेके भव तर ले ।।
दुःख नाश करती है जगदम्बे मइया,
गाओ भक्तों बजा करके ताली ।।
तुझको कहते.....
भजन रचना : प. पू. श्री श्रीकान्त दास जी महाराज ।