बेटा भुलाये झट दोरही चली आये माँ,
अपने बच्चो के आंसू देख नही पाए माँ,
वेद पुराणों में भी माँ की महिमा का बखान है,
जो भी झुकता माँ चरणों में इसने रचा जहां है,
देव ऋषि भी ना समज पाए ऐसी लीला रचाये माँ,
बेटा भुलाये झट दोरही चली आये माँ...
संकट हरनी वरदानी माँ सबके दुखड़े दूर करे,
शरण में आये दीं दुखी की माँ विनती पूरी करे,
सारा जग जिसको ठुकरा दे उसको गले लगाये माँ,
बेटा भुलाये झट दोरही चली आये माँ..
बिगड़ी तेरी बात बने गई माँ की महिमा गए के देख,
खुशियों से भर जाए गा तू झोली तो फैलाके देख,
झोली छोटी पड़ जाती है देने पर जब आये माँ,
बेटा भुलाये झट दोरही चली आये माँ
कबसे तेरी कचेहरी में लिख के देदी अर्जी,
अपनले चाहे ठुकरा दे आके तेरी मर्जी,
लखा सरल हाथ जोड़े जो भी हुकम सुनादे माँ,
बेटा भुलाये झट दोरही चली आये माँ