साई पिया बुलाये चलो शिरडी चले,
जोति दिल में जगाये दिल में चले,
साई पिया,
राह में कोरहा गना हो या कड़क टी धुप हो,
कुछ नजर आये नहीं आँखों में साई रूप हो,
साई पिया बुलाये चलो शिरडी चले
साई पिया
दुःख के है जो काले बादल आप ही झट जाए गए,
साई साई कहते जाओ रस्ते खुद ही कट जाए गए,
साई पिया बुलाये चलो शिरडी चले
लूट रहे है रेहमतो के चल खजाने लूट ले,
सोचता है तू खड़ा क्यों ऍह दीवाने लूट ले
साई पिया बुलाये चलो शिरडी चले