बाला सा थाने कोण सजाया जी,
म्हारे मनड़ो हर लीनो थारी सूरत मतवाली,
थारे हाथ में घोटा लाल लंगोटा जी,
थारे लाल सिंदूर चढ़े थे देव हो बलकारी,
बाला सा थाने कोण सजाया जी.......
थारा उत्सव आया मन हर्षाया जी,
सब झूम झूम नाचे जय बोले है थारी,
बाला सा थाने कोण सजाया जी.....
थे राम नाम की धुन में मतवाला जी,
है अजर अमर गाथा है माया अजब थारी,
बाला सा थाने कोण सजाया जी.......
माला को तोड़ा सीने ने चिर दीयो,
हो अंजनी के लाला जय हो जय हो थारी,
बाला सा थाने कोण सजाया जी.....
‘लक्खा सिंह’ थारा लाड लड़ावे जी,
थारी सूरत पे बाबा ‘बनवारी’ बलहारी,
बाला सा थाने कोण सजाया जी........