मेरे दुखड़े हर लो बाबा जी,
प्रभु यमुना किनारे धाम तेरा,
है मंदिर आलिशान बना,
मेरे दुखड़े हर लो बाबा जी
अंजनी की लाला द्वार तेरे मेरी कब से झोली तरस रही,
मेरा दुःख से कीरथ तन मन है जरा देखे आँखे बरस रही,
हर दर से हुई निराशा है,
बस एक तुम्ही से आशा है,
मेरे दुखड़े हर लो बाबा जी......
तुम दुष्ट दलन भये हरता हो,
मुझपे भी दया कुछ कर देना,
तूने काज सवारे रघुवर के,
कोई मुझे भी सुख का वर देना,
मैं रो रो आज पुकार करू,
ये विनती बारम बार करू,
मेरे दुखड़े हर लो बाबा जी
मेरे भाग जगा दो भी बाबा ये विनती बाराम बार करू,
मुझे गेरा है तूफानों ने मेरी नाइयाँ पार लगा दो,
तेरे होते कब तक कष्ट सहू,
तुझसे ना कहु तो किस से कहु,
मेरे दुखड़े हर लो बाबा जी