आये दर तेरे हम साई कार्डो कर्म,
हो मसीहा बड़े बात में भी है दम,
मेरी भी नाथ बिगड़ी बना दीजिये,
साई शिरडी पति अब रेहम कीजिये,
दीन दाता हो तुम तुम दयावन्त हो,
पीरो के पीर हो संतो के संत हो,
जो भी आये शरण करते दुःख का हरण,
हर पेरशानी मुश्किल का तुम अंत हो,
मेरे भी साई बाबा खबर लीजिये,
साई शिरडी पति अब रेहम कीजिये,
गुरियो के हो गुरु नथो के नाथ तुम,
दुखी लाचारों का देते हो साथ तुम,
रुतबा जग में अवल झुके हर कोई सर,
पूरी भक्तो की करते हो हर बात तुम,
हमको भी नाथ चरनी लगा लीजिये,
साई शिरडी पति अब रेहम कीजिये,
नहीं दिखती है पर किरपा हो जाती है,
झोली भी भक्तो की छोटी पड़ जाती है,
है कमी कुछ न कर करते कितने गुजर,
कितनी माया यहाँ रोज पट जाती है,
मेरी भी और डाटा नजर कीजिये,
साई शिरडी पति अब रेहम कीजिये,