आओ खेले रे बाबा के संग होली,
आओ खेले रे साई के संग होली.........
राधा और नन्दलाल भी खेले,
ब्रज की गोपी ग्वाल भी खेले,
बूढ़े खेले, बाल भी खेले,
खेले हम सब जोली,
आओ खेले रे बाबा के संग होली,
आओ खेले रे साई के संग होली.........
आज अनोखे रंग से रंगदे,
साई के सत्संग से रंगदे,
सब को इस ढंग से रंगदे,
बोले एक ही बोली,
आओ खेले रे बाबा के संग होली,
आओ खेले रे साई के संग होली.........
काला मैला रंग हटाओ,
रूप को सुंदर रूप बनाओ,
लाल अबीर गुलाल उड़ाओ,
तिलक सजाये जोली,
आओ खेले रे बाबा के संग होली,
आओ खेले रे साई के संग होली.........
नाचो गाओ धूम मचाओ,
खुद बहलो सबको बेहलाओ,
‘गिरजर’ ऐसा रंग जमाओ,
घर घर हो रंगोली,
आओ खेले रे बाबा के संग होली,
आओ खेले रे साई के संग होली.........