मुझे सबकुछ मिला हे मेरे सँवारे,
ज़िंदगी बनगी खाटू आने के बाद,
मैं क्या था और तुमने बना क्या दिया,
बन्दगी मिल गई खाटू आने के बाद,
याद है मुझे दिन वो फटे हॉल था,
फूटी कोड़ी न थी और मैं कंगाल था,
छोड़ा सबने मगर तूने थामा मुझे,
हर भुलंदी मिली खाटू आने के बाद,
मुझे सबकुछ मिला हे मेरे सँवारे,
मेरे जीवन में खुशिया तम्माम आ गई,
आप की नौकरी दास को भा गई,
मुझे मान मिला सामान मिला,
और भक्ति मिली खाटू आने के बाद,
मुझे सबकुछ मिला हे मेरे सँवारे,
जग मुझसे और मैं जग से अनजान था,
मेरा गुलशन सदा यु ही वीरान था,
मेरे अंगना में दो प्यारे फूल खिले,
हर कलि खिल गई खाटू आने के बाद,
मुझे सबकुछ मिला हे मेरे सँवारे,
गंगा गोरी पे अपनी किरपा कीजिये,
अपने चरणों में सबको जगह दीजिये,
तेरे दर्शन बिना मैं तो पागल हुआ,
अब ना तड़पाइए खाटू आने के बाद,
मुझे सबकुछ मिला हे मेरे सँवारे,