कृष्णा कृष्णा आए कृष्णा, जगमग हुआ रे अंगना।
चाँद सूरज सितारे, झुके चरणों में सारे,
आज झूम झूम गाए यमुना॥
नयन चाहिए राधा जी के, मीरा का मन मतवाला,
कण कण में फिर नन्द का लाला, हो जो देखने वाला।
माँगना क्या इस द्वार पे आकर आँचल क्या फैलाना,
तेरे मन में क्या है, उसने बिन मांगे सब जाना।
अंत में सत्य की जीत हुई है, झूठ हमेशा हारा,
चक्र उठा के हाथ में तुने, बदली समय की धारा।