मैं हु राधा रानी अपने श्याम की दीवानी
मुझको मेरा कान्हा मिल गया राधा का दीवाना मिल गया
त्रेता में जब तुम अवध पुर में आये
आ कर झनक पुर तूझे अपनाए
राम रूप में ये सिया महारानी रघुकुल गरहाना मिल गया
मुझको मेरा कान्हा मिल गया राधा का दीवाना मिल गया
जब जब ये बड़ता धरा पे जमाना
तब तब हुआ है तुम दोनों का आना
द्वापर में है अपनी प्रेम कहानी
गाओ बरसना मिल गया राधा का दीवाना मिल गया
मुझको मेरा कान्हा मिल गया राधा का दीवाना मिल गया
कलयुग में तेरी तपस्या है जारी
आयेगे त्रिकुट पे तेरे मोहन मुरारी
मिले गे जरुर मन में अंजलि ने ठानी
दिल ये दीवाना खिल गया राधा का दीवाना मिल गया
मुझको मेरा कान्हा मिल गया राधा का दीवाना मिल गया