जब से मुझे भी आपकी रेहमत है मिल रही,
तेरी महफ़िलो में मुझको शौरत है मिल रही ,
तेरी बंदगी से हो रही खुशाल ज़िंदगी,
मुझको तो हर कदम तेरी चाहत मिल रही,
जब से मुझे भी आपकी.....
जबसे हुआ है दिल मेरा पागल तेरे लिए,
मुझे दिल में मस्तियो की हरकत है मिल रही,
जब से मुझे भी आपकी.......
तेरे प्रेमियों के प्रेम का मिलता खजाना है,
पहचान हो रही है इज्जत है मिल रही,
जब से मुझे भी आपकी..........
चोखानी जानता है तुझसे नहीं कोई,
हमको भी तेरे प्रेम की दौलत है मिल रही,
जब से मुझे भी आपकी रेहमत है मिल रही,