जिस पर हो हनुमान की किरपा तकदीर का वली वो नर है,
रखवाला हो मारुती नंदन किस बात का डर है,
तो भजन पवन सूत का कीजिये नाम अमृत का प्याला पीजिये
शीश मुकट कानो में कुण्डल लाल संदुर सख्या,
लाल लंगोटे वाला हनुमत माँ अंजनी का जाया,
नाश करे दुष्टो का भक्तो का भय लेता हर है,
रखवाला हो मारुती नंदन किस बात का डर है,
आई घडी जब जब दुविद्या की राम के काम बनाये,
मात सिया वर वरदान दिया संकट मोचन कहलाये,
पूजा मंगल शनि करे मंगल होता उस घर है,
रखवाला हो मारुती नंदन किस बात का डर है,
बल देते हो निर्वल को निर्धन को माया देते,
रोगी कष्ट कट ते रोगी को निर्मल काया देते,
लखा की भी सुध लेना चरणों का सरल चाकर है,
रखवाला हो मारुती नंदन किस बात का डर है,