माँ तू ही तू माये तू ही तू,
माँ तू ही तू माये तू ही तू,
जदो अम्बर दी कोई निशानी ना सी,
ते हवा विच कीते री रवानी ना सी,
किते बदल ना बारिश ना पाणी ही सी,
बस सिवा तेरे कुछ भी महाराणी ना सी,
जद किते कुछ ना सी, रौशनी ते हवा,
सुन ही सुन सी जग ते छाया हुआ,
मौज बच्चियां के दुनिया बणाई माँ तू,
बस माँ तू ही तू माये तू ही तू,
माँ तू ही तू माये तू ही तू....
दया तेरी ना अमृत दी बारिश हुई,
सारे संसार नु जिंदगी फिर मिली,
चाँद सूरज विच है रोशनी माँ तेरी,
आदि शक्ति तो वदके कोई भी नहीं,
शेरा वाली है तू, मेहरा वाली है,
हे महा वैष्णवी, दुर्गा काली है तू,
अपने भगता दी रखदी सदा लाज तू,
बस माँ तू ही तू माये तू ही तू,
हो माँ तू ही तू माये तू ही तू......
बनके मंगता तेरे दर आवे हर कोई,
मेरी माँ वरगा दुनिया विच कोई नहीं,
तेनु सत सत नमन माता ममता मई,
तू तो कण कण दे विच है समाई हुई,
ऐ है धरती गगन, तेरे चुम गए चरण,
तेनु करदे नमन, माता होके मगन,
शोर है बस एही, हर तरफ चारो सु,
बस माँ तू ही तू माये तू ही तू,
हो माँ तू ही तू माये तू ही तू.........
तू ते ममता जी माता भंडार है,
भरया दिल विच तेरे प्यार ही प्यार है,
अपणे बच्या ते तेरा माँ उपकार है,
तेरी सेवा दा ‘शर्मा’ तलबगार है,
माता करके मेहर, दे मेनू ऐ यो वर,
‘लख्खा’ वेखे जिधर, आवे तू ही नजर,
रवे हर पल मेरे अंग संग रूबरू,
माये तू तू ही तू तू माये तू ही तू,
ओ माँ तू तू ही तू माये तू ही तू.......