मैया जी तेरी माया समझ न आए,
सागर की गहराई का जैसे कोई अंत ना पाए।
हम हैं सभी खिलौने तेरे, मैया लाल सलोने तेरे।
नाम तेरे के हैं तेरे दीवाने, नाच रहे हैं श्याम सवेरे।
वोही खेले खेल भवानी, जो तू हमे खिलाए,
मैया जी तेरी माया समझ न आए॥
धरती पर्वत अंबर सागर तेरे नाम से हुए उजागर।
पूर्व पछिम उत्तर दक्षिण सीस झुकाए दर पे आ कर।
सूरज चाँद सितारे कितने कुछ भी गिना ना जाए,
मैया जी तेरी माया समझ न आए॥
तू जगदम्बे तू है काली भक्त जानो की तू है रखवाली।
तेरे नाम की महिमा गाए पत्ता पता डाली डाली।
कही पे धुप कही पे छाया क्या क्या रंग दिखाए,
मैया जी तेरी माया समझ न आए॥
निर्बल को बलवान करे माँ निर्धन को धनवान माँ।
सब की इच्छा पूरी करती जो भी तेरा ध्यान करे माँ।
‘जोश’ कहे मूर्ख और ग्यानी तुने सभी बनाए,
मैया जी तेरी माया समझ न आए॥