काल के पंजे से माता बचाओ, जय माँ अष्ट भवानी ।
काल के पंजे से माता बचाओ, जय माँ अष्ट भवानी ॥
हे नाम रे, सबसे बड़ा तेरा नाम,
ओ सेरोंवाली, ऊँचे डेरों वाली,
बिगड़े बना दे मेरे काम ।
ऐसा कठिन बल, ऐसे घडी है,
विपदा आन पड़ी है ।
तू ही दिखा अब रास्ता,
ये दुनिया रास्ता रोके खड़ी है ।
मेरा जीवन बना इक संग्राम ॥
भक्तों को दुष्टों से छुड़ाए,
भुजती जोत जगाई ।
जिसका नहीं है कोई जगत में,
तू उसकी बन जाए ।
तीनो लोक करे तोहे प्रणाम ॥
हे, क्या भेट चढ़ाउ तुझपे,
तू प्रसन्न हो जाए ।
दुश्मन थर थर काँपे माँ,
जब तू घुस्से में आये ॥