मेरे मन में बस गये राम:
अपने अपने घरन की सब काहू को पीर l
तुम्हे पीर सब घरन की धन्य धन्य रघुबीर ll
मेरे मन में बस गये राम,
मैं तो गाउँ राम राम,
चाहे सुबह हो चाहे शाम,
मैं तो गाउँ राम राम,
मुझको दुनिया से क्या काम,
मैं तो गाउँ राम राम,
मेरे श्याम ही मेरे राम,
मैं तो गाउँ राम राम,
अवधपुरी है पावन धाम,
मैं तो गाउँ राम राम,
जग में गूँजे सांचो नाम,
मैं तो गाउँ राम राम,
बन गये बिगड़े सारे काम,
मैं तो गाउँ राम राम
मेरे पाप कटे तमाम,
मैं तो गाउँ राम राम,
ना चाहूँ कोई नाम,
मैं तो गाउँ राम राम,
सुमिरन करूँ मैं आठो याम,
मैं तो गाउँ राम राम,
भव से तारे एक ही नाम,
मैं तो गाउँ राम राम,
मेरे मन में बस गये राम ,
मैं तो गाउँ राम राम,
राम राम राम राम,
राम राम राम राम,
राम राम राम राम,
राम राम राम राम---
आभार: ज्योति नारायण पाठक