दु:ख का बादल जब जब मुझ पे छा गया,
पवन वेग से उड़कर बाबा आ गया
वो आ गया, वो आ गया, वो आ गया, अंजनी लाल ,
जब जब संकट आया है, मैंने इसको सामने पाया है,
दुनिया ने रिश्ते तोड़े, इसने साथ निभाया हैं,
जय सियाराम बोलो जय सियाराम ॥
जब जब संकट आया है, मैंने इसको सामने पाया है,
दुनिया ने रिश्ते तोड़े, इसने साथ निभाया हैं,
रोते हुए को हँसा गया, अपने गले लगा गया,
वो आ गया, वो आ गया,वो आ गया अंजनी लाल,
दु:ख का...
स्वाथँ के संसार में, ये ही एक सहारा हैं,
भक्त तेरा तो ये कहता, बाबा तू ही हमारा हैं,
जय सियाराम बोलो जय सियाराम ॥
स्वाथँ के संसार में, ये ही एक सहारा हैं,
भक्त तेरा तो कहता, बाबा तू ही हमारा हैं,
हारे हुए को जिता गया, भगत का मान बढ़ा गया,
वो आ गया, वो आ गया, वो आ गया अंजनी लाल ,
दु:ख का...
ये सच्चा रखवार हैं, इसकी दया अपार हैं,
इसकी रहमत से चलता, मेरा घर संसार हैं,
जय सियाराम बोलो जय सियाराम ॥
ये सच्चा रखवार हैं, इसकी दया अपार हैं,
इसकी रहमत से चलता, मेरा घर संसार हैं,
"जिन्दल" की बिगड़ी बना गया, हर घडी लाज बचा गया,
वो आ गया, वो आ गया, वो आ गया अंजनी लाल !!
दु:ख का...
रचियता :- राजेश कुमार जिंदल "बंटी", इन्दौर