तीर चला के नैना दे मैनु घायल कर गया नी,
सखी काली कमली वाला नी मैनु कमली कर गया नी,
भूल गई मैं खाना पीना होश रही न कोई,
छड़ के दुनिया दारी न मैं उसे दी होइ,
मैनु सुध भुध रही न कोई पता नी जादू कर गया नी,
सखी काली कमली वाला नी मैनु कमली कर गया नी,
की दसा मुस्कान मैं उसदी की की कारे करदी,
जिसदी एक झलक देखन न सारी दुनिया मरदी,
ओ बंसी बजा के पता नी केहरे इशारे कर गया नी,
सखी काली कमली वाला नी मैनु कमली कर गया नी,
सुन नी मैं ता भूल के वि तू वृन्दावन ना जावी,
मन राधे दा कहना तू अपना आप बचावी,
तेरे पल्ले कुछ नी रहना जे उस ने वास विच कर लिया नी,
सखी काली कमली वाला नी मैनु कमली कर गया नी,