तेरे रंग में रंग गया हु कुछ और अब न भाये,
देखु यहाँ मैं सँवारे मुझे तू नजर है आये,
तेरे रंग में रंग गया हु कुछ और अब न भाये,
तुझपे ही है भरोसा तू इतवार मेरा,
तुझसे ही साँझ मेरी तू ही मेरा सवेरा,
इस दिल में श्याम मेरे कोई और अब न भाये ,
तेरे रंग में रंग गया हु कुछ और अब न भाये,
मेरे दिल में बस गया तू जिस दिन से खाटू वाले,
मैं दीवाना हो गया हु अब तू मुझे सम्बाले,
तेरे बिन ये मेरी नइयां कोई पार न लगाये
तेरे रंग में रंग गया हु कुछ और अब न भाये,
अपनी शरण लगा लो चाहत मेरी यही है,
तू अंग संग ही रहना बस आरजू यही है,
बरसादो दया मुझ पर देता है दिल सजाये,
तेरे रंग में रंग गया हु कुछ और अब न भाये,