रिंग्स के दरबार में बेठियो मेरो श्याम,
यो सबसे अखियाँ लडावे,
करदे भव से पार,
हार गया मैं हारा दुनिया पकड़ा दामन तेरा,
एक श्याम रिंग्स में बेठा दूजा खाटू में डेरा,
ये सुनते दोनों सबकी दोनों एक समान,
रिंग्स के दरबार में बेठियो मेरो श्याम,
श्याम भगत अब चल पड़े है डाला रिंग्स डेरा,
लाल गुलाभी रंग चड़ा है रंग दियां चोला मेरा,
सब बोल रहे जयकारा करते सबका समान,
रिंग्स के दरबार में बेठियो मेरो श्याम,
गूंजे रिंग्स आज है सारो सेठ संवारियो मारो,
पांच कोस से खाटू वालो देखे है नजर पिसारो,
चल दिए है खाटू वाला लेकर के निशान,
रिंग्स के दरबार में बेठियो मेरो श्याम,
उड़ चली है खुशबु आज रिंग्स के मेखानो से,
शान सवारी बेठे बाबा चमके श्याम दीवानों से,
रिंग्स खाटू एक है सजन अब तो मान,
रिंग्स के दरबार में बेठियो मेरो श्याम,