—------------- भजन के बोल —-------------
राधा रानी श्याम दीवानी……….2
राधा रानी श्याम दीवानी , कहता ये संसार है
मोहन से प्यार है , राधा से प्यार है…………4
1 ) जमुना तीरे मुरली बाची , प्रेम की पोती बाच रही
बांध पाओ में पायल श्यामा , ता ता थाई या नाच रही
है वृषभान लली सु कुमारी , नंदलाला सु कुमार है
मोहन से प्यार है , राधा से प्यार है…………2
2 ) नंदगाँव से कान्हा चलके , बरसाने में आते हैं
घेवर वन में श्यामा के संग , नित नया खेल रचाते हैं
रसिया है श्री कृष्ण मुरारी , राधा रस की धार है
मोहन से प्यार है , राधा से प्यार है…………2
3 ) प्रकृति मई नवल राधिका , नारायण घनश्याम है
हार गए ऋषि पार ना पाये , अगडित इनके नाम है
है जग के आधार यही , इनका ना कोई आधार है
मोहन से प्यार है , राधा से प्यार है…………4
4 ) जहाँ बसे बृजेश्वरी , कान्हा का नित्य निवास है
योगी और सन्यासी सबका , बरसाने में वास है
भूलन त्यागी इस भूमि में , लेटे बारम्बार है
मोहन से प्यार है , राधा से प्यार है…………4