सांवरे मेरे संग संग चल,
मेरे दिल में हुई हल चल,
कही दरिया का पानी कल कल,
तुझे आस मिलन की हर पल ,
रुक न सकू मैं दौड़ के आउ,
फिर कुछ सोच के मैं गबराऊ,
सँवारे मेरे संग संग चल,
मेरे दिल में हुई हल चल....
तूने ये कैसा जादू किया है,
बिन डोर के मुझे बांध लिया है,
सँवारे मेरे संग संग चल,
मेरे दिल में हुई हल चल
कट पुतली से नाच रहे है,
कैसे कहे तुझे ढूंढ रहे है,
सँवारे मेरे संग संग चल,
मेरे दिल में हुई हल चल