श्याम के दीवाने है कह दो ये ज़माने से,
टूट हम नहीं सकते दुनिया के सताने से,
श्याम के दीवाने है कह दो ये ज़माने से,
क्यों करे गुलामी हम साहूकार राजा की,
सिलसिला है जब अपना बादशाह गिराने से,
श्याम के दीवाने है कह दो ये ज़माने से,
सर के साथ में दिल का झुकना भी जरुरी है,
बन्दगी नहीं होती यही सिर झुकाने से,
श्याम के दीवाने है कह दो ये ज़माने से,
श्याम प्रेमियों में जबसे हम भी हो गए शामिल,
ज़िंदगी मिली मुझको खाटू श्याम आने से,
श्याम के दीवाने है कह दो ये ज़माने से,
छोड़ के मैं इस दर को क्यों किसी के दर जाऊ,
फाईदा है क्या दर दर की ठोकरों को खाने से,
श्याम के दीवाने है कह दो ये ज़माने से,