सम्बलपुर मंदिर बन गयो रे खाटू वाला श्याम,
खाटू धाम के जैसो बन गयो सम्बलपुर को धाम,
सम्बलपुर मंदिर बन गयो रे खाटू वाला श्याम,
खाटू से चल कर आयो सम्बलपुर द्वार लगायो,
बाबा के हिवड़े बस गयो रे सम्बलपुर को धाम,
मनसा हो गई है पूरी बाबा से इब न दुरी,
महरो सपनो पुरो कर गयो रे खाटू वाला श्याम,
मंदिर बन बनो अनोखो भगता ने लागे चोखो,
सहज धज के बाबाओ जच गयो रे खाटू वाला श्याम
अब रोज ही मिलने होसी,
इनके होते कोई न रोसी,
तेरो श्याम को मनड़ो भर गयो रे खाटू वाला श्याम,
खाटू धाम के जैसो बन गियो सम्बल पुर को धाम,
सम्बलपुर मंदिर बन गयो रे खाटू वाला श्याम,