आओ तुम्हें कान्हा से मिला दूँ, मिलवा दो ना:
आओ तुम्हें कान्हा से मिला दूँ,
मिलवा दो ना,
तुझमें भक्ति भाव जगा दूँ,
जगवा दो ना,
कान्हा भक्ति क्या होती है,
सहज सरल मैं राह दिखा दूँ,
दिखला दो ना,
आओ तुम्हे कान्हा से मिला दूँ.....
कान्हा कान्हा दिल से बोलो सरपट दौड़ा आये,
मंद मंद मुस्कान बिखेरे मुरली मधुर बजाये,
देखो कान्हा है आगे,
देखो कान्हा है आगे,
ग्वाल बाल पीछे भागे,
मन नयनन से दरस करा दूँ,
करवा दो ना,
आओ तुम्हे कान्हा से मिला दूँ ....
छोड़ के दुनिया की माया बस कान्हा में रम जाओ,
भूल के अपनों का बंधन बस भक्ति में खो जाओ,
कान्हा नहीं मिलता ऐसे,
कान्हा नहीं मिलता ऐसे,
मिलता है वो फिर कैसे,
बिश्वास करो तो समझा दूँ,
समझा दो ना,
आओ तुम्हे कान्हा से मिला दूँ........
अष्ट सुगन्धित कान्हा मधुरम मन नयनन अब देखो,
मोर मुकुट मुरली मन भावन मन नयनन अब देखो,
ह्रदय बिराजत है कान्हा,
ह्रदय बिराजत है कान्हा,
भाव से आन मिले कान्हा,
फिर एक बार मैं समझा दूँ,
समझा दो ना,
आओ तुम्हे कान्हा से मिला दूँ,
मिलवा दो ना.....
आभार: ज्योति नारायण पाठक