अपने सांवरिया के मैं करीब हूँ
मैं दुनिया में सबसे खुश नसीब हूँ
श्याम का दर घर लगता है अपना
इस दर पे हुआ सच हर सपना
जब जब मैं श्याम के दर पर आता हूँ
दुनिया के सारे गम भूल जाता हूँ
साथी मेरा ये हर पल हर क्षण
ये मेरा मैं इसका राहगीर हूँ
मैं दुनिया में सबसे खुशनसीब हूँ
श्याम नाम धन मैंने पाया
जीवन मेरा है हरसाया
जब जब मैं श्याम का नाम लेता हूँ
तब तब मैं खुशियो को थाम लेता हूँ
नाम की दौलत मुझको मिली है
कौन कहेगा मुझको मैं गरीब हूँ
मैं दुनिया में सबसे खुशनसीब हूँ
सबका मालिक श्याम धनी है
इनकी कृपा चहूं और घनी है
जीवन में अब कोई शिकवा नही गिला
आनंद ही आनंद है आनंद घन मुझे मिला
बिट्टू भजन से जिंदगी बनी है
ये मेरे और इसके मैं करीब हूँ
मैं दुनिया में सबसे खुशनसीब हूँ