लुटा दिया भण्डार खाटू वाले ने,
कर दिया मालामाल खाटू वाले ने,
लूटा दिया भण्डार खाटू वाले ने
जैसी जो भावना लाया वैसा ही मुँह फल पाया,
नहीं खाली उसे लौटाया वो मन ही मन हरषाया,
कर दियां उसे निहाल खाटू वाले ने,
कर दिया मालामाल खाटू वाले ने.....
जो लगन लगाया सच्ची है उसकी नाव न अटकी,
वेडे को पार लगाया नहीं देर करि पल भर की,
मिटा दिया जान जाल खाटू वाले ने,
कर दिया मालामाल खाटू वाले ने.....
चरणों की किया जो सेवा वो पाया मिश्री मेवा,
जिसने है मंगा बीटा वो चाँद सा टुकड़ा पाया,
कर दिया फिर खुश हाल खाटूवाले ने
कर दिया मालामाल खाटू वाले ने.....
जिसने शृंगार सजाया वो श्याम का दर्शन पाया,
वो मन ही मन हरश्या नैनो में रूप समाया,
दिया है जन्म सुधार खाटू वाले ने,
कर दिया मालामाल खाटू वाले ने.....