मुझे तो श्याम रिझाना जी चाहे लोग बोलिया बोले

लोग बोलियाँ बोलें ,
चाहे लोग बोलियाँ बोलें
मुझे तो श्याम रिझाना जी ,
चाहे लोग बोलियाँ बोलें

झलक देख ली जिस दिन से
मैं उसका बना दीवाना,
मुझको मेरा श्याम मिले ,
बस मैंने दिल में ठाना
लोग बोलियाँ बोलें ,
चाहे लोग बोलियाँ बोलें ,
इसे तो अपना बनाना जी ,
चाहे लोग बोलियाँ बोलें ,
मुझे तो श्याम रिझाना जी ,
चाहे लोग बोलियाँ बोलें ,

प्रेम डोर से बाँध लिया है ,
छोड़ कहाँ जाएगा ,
प्रेम हमारा सच्चा है तो
एक दिन रंग लाएगा,
लोग बोलियाँ बोलें ,
चाहे लोग बोलियाँ बोलें ,
मुझे तो प्रेम निभाना जी ,
चाहे लोग बोलियाँ बोलें ,
मुझे तो श्याम रिझाना जी ,
चाहे लोग बोलियाँ बोलें ,

प्रेम के वश में रहता है ये ,
प्रेम बिना जग सूना ,
बनवारी भगतों के दिल में रहता श्याम सलोना ,
लोग बोलियाँ बोलें ,
चाहे लोग बोलियाँ बोलें ,
कन्हैया प्रेम दीवाना जी ,
चाहे लोग बोलियाँ बोलें ,
मुझे तो श्याम रिझाना जी ,
चाहे लोग बोलियाँ बोलें ,

लोग बोलियाँ बोलें ,
चाहे लोग बोलियाँ बोलें ,
मुझे तो श्याम रिझाना जी ,
चाहे लोग बोलियाँ बोलें ,

भजन गायक - सौरभ मधुकर
भजन रचयीता - जय शंकर चौधरी "बनवारी जी"
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