कान्हा तोरी जोहत रह गई बात, जोहत जोहत एक पग ठानी, कालिंदी के घाट, कान्हा तोरी जोहत रह गई बात, झूठी प्रीत करी मनमोहन, या कपटी की बात, कान्हा तोरी जोहत रह गई बात, मीरा के प्रभु गिरघर नागर, दे गियो ब्रिज को चाठ, मोरे श्याम मोरे श्याम ॥