तेरी नईया भवर में पड़ी
नाम जपले घडी दो घड़ी
झूठी माया का पर्दा पड़ा,
अँधा बन के जगत में खड़ा ,
सारी बाते समझता है तू
पर तू तो है चिखना घना
मौत आगे चले न तड़ी,
नाम जपले घडी दो घड़ी
कर न काया का दिल में घुमान
झूठी कोरी है इस की शान
तू अकड ता है किस बात पर
बिन बताये निकल जाए प्राण
ना है टूटी की कोई झड़ी
नाम जपले घडी दो घड़ी
नेक कर्मो से जीवन सुधार
थोडा कर ले प्रभु से भी प्यार
इक ये ही सहारा तेरा डूबती नैया करता है पार
श्याम सुंदर से जोड़ो लड़ी,
नाम जपले घडी दो घड़ी