मेरी मैया तुम्हे भक्तो को अजमाने की आदत है,
मगर भक्तो को भी हर कष्ट सह जाने की आदत है,
मुझे सो बार आजमा लो,
लो चाहे इम्तेहान मेरा,
चाहे कितना भी ठुकरा लो,
ना छोडू गा मैं दर तेरा,
शमा पर जान दे देना ये परवाने की आदत है,
मेरी मैया तुम्हे भक्तो को अजमाने की आदत है
यही है आस भगतो की तेरा देदार हो जाये,
मैं हु जिस प्यार का भूखा मुझे वो प्यार मिल जाये,
सदा गाऊ मैं गुण तेरे मुझे गाने की आदत है,
मेरी मैया तुम्हे भक्तो को अजमाने की आदत है
बड़ी मुश्किल से दामन हाथ आया अब न छोडूगा,
बदल जाये ये ज़माना मगर मैं मुह न मोडू गा,
मुझे जितने भी गम देदो मुझे सहने की आदत है,
मेरी मैया तुम्हे भक्तो को अजमाने की आदत है
छुडाकर के अगर दामन मैया जी ठुकरा जओग्ये,
ना पीछा आप का छोडू मुझे कब तक रुलोग्ये,
के दामन से लिपट जाना ये दीवाने की आदत है,
मेरी मैया तुम्हे भक्तो को अजमाने की आदत है