इस झोली पे शाप लगी है तेरे खाटू धाम की

मेरी इज्जत क्या जाये मेरी जात भिखारी की ,
इज्जत सारी दुनिया में श्याम तेरी दातारि की,
अगर माँगने गया कही तो जाये तुम्हारी शान जी,
इस झोली पे शाप लगी है तेरे खाटू धाम की,

जाये बात तुम्हरी जी जाए नहीं भिखारी की बाबा मेरी झोली में छाप लगी सरकारी की,
बात मेरी इज्जत की नहीं है बात तेरे सामान की,
इस झोली पे शाप लगी है तेरे खाटू धाम की,

तू सेठो का सेठ है सारे जग में हला है,
जो भी तेरे दर पे आता भरता उसका पला है,
झोली भर नहीं पये तो ये सेठाई किस काम की,
इस झोली पे शाप लगी है तेरे खाटू धाम की,


कल मैं माँगने आया था आज भी माँगने आता हु,
जितना मुझको देते हो घर का काम चलाता हु,
इतना देदे मेरी ज़िंदगी हो जाये आराम की,
इस झोली पे शाप लगी है तेरे खाटू धाम की,

किसी को थोड़ा थोड़ा जी किसी को जयदा जयदा जी,
मारे शर्म के बनवारी तुमसे पूछ न पाता जी  ,
अलग अलग क्या छाप लगाई तूने अपने नाम की,
इस झोली पे शाप लगी है तेरे खाटू धाम की,
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